Read Time5
Minute, 17 Second
वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन का युद्ध पिछले ढाई साल से चल रहा है। इस बीच अरबपति एलन मस्क ने एक वीडियो शेयर किया है। दरअसल, एलन मस्क राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभियान के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो शेयर किया। इसमें उन्होंने रूस-यूक्रेन के संघर्ष में अमेरिका की ओर से निभाई गई कथित भूमिका की ओर इशारा किया। वीडियो में अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी डी सैक्स हैं, जो यूक्रेन युद्ध की जड़ों के बारे में तर्क दे रहे हैं।सैक्स ने दावा किया कि यह सिर्फ रूस की ओर से की गई आक्रामकता नहीं थी, बल्कि अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो विस्तार के कारण पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ। मस्क की ओर से शेयर किए गए वीडियो में सैक्स का दावा है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के अमेरिका के इरादे ने सीधे तौर पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को हमले के लिए उकसाया। उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह यूक्रेन पर पुतिन का हमला नहीं है, जैसा कि हमें बताया गया है।'
वीडियो में क्या किया गया दावा
वीडियो की सटीक तारीख और आखिर उन्होंने यह बात कहां कही है इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। सैक्स ने वीडियो में कहा कि नाटो ने 1990 में तत्कालीन सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव से किया वादा तोड़ा। उन्होंने कहा कि नाटो ने जर्मनी के पुनर्मिलन के बदले एक इंच भी पूर्व में न बढ़ने का वादा किया था। उनका तर्क है कि अमेरिका ने तब से धोखा दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि समस्याएं नाटो के विस्तार से शुरू हुई। आधिकारिक तौर पर 1999 में पोलैंड, हंगरी और चेक रिपब्लिक को इसमें शामिल करने से विवाद बढ़ा।
वीडियो में क्या किया गया दावा
वीडियो की सटीक तारीख और आखिर उन्होंने यह बात कहां कही है इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। सैक्स ने वीडियो में कहा कि नाटो ने 1990 में तत्कालीन सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव से किया वादा तोड़ा। उन्होंने कहा कि नाटो ने जर्मनी के पुनर्मिलन के बदले एक इंच भी पूर्व में न बढ़ने का वादा किया था। उनका तर्क है कि अमेरिका ने तब से धोखा दिया है। उन्होंने तर्क दिया कि समस्याएं नाटो के विस्तार से शुरू हुई। आधिकारिक तौर पर 1999 में पोलैंड, हंगरी और चेक रिपब्लिक को इसमें शामिल करने से विवाद बढ़ा।पुतिन और ट्रंप के बीच हुई बातचीत
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ट्रंप के पुतिन से बातचीत की खबर सामने आई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रंप ने पुतिन से बात की और उन्हें किसी भी तरह से संघर्ष को आगे न बढ़ाने को कहा। हालांकि रूसी मीडिया ने इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि ट्रंप और पुतिन में कोई बातचीत नहीं हुई है। रविवार को वॉशिंगटन पोस्ट में इससे जुड़ी खबर आई थी। कथित तौर पर ट्रंप ने यूरोप में अमेरिकी फौज की मौजूदगी का भी जिक्र किया था। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने इसे पूरी तरह काल्पनिक बताया।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.